इंटरनेट डेस्क। तीन नए केन्द्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है।

इस संबंध में अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि किसान ठण्ड के अंदर बैठे हुए हैं, लेकिन परवाह ही नहीं है, इतनी संवेदनहीनता नहीं होनी चाहिए। प्रतिष्ठा तो जनता की होती है, जनता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी तो नेता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी, सरकार की प्रतिष्ठा कायम रहेगी। आज जनता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

किसान आंदोलन को 1 महीना होने आया,कोई सुनवाई करने वाला नहीं,रोज उनको निमंत्रण देते हैं,भ्रम पैदा करते हैं,विपक्ष पर आरोप लगाते हैं। ये स्वतःस्फूर्त आंदोलन चल पड़ा है,किसान दुखी हैं समझ रहे हैं कि आने वाला वक़्त बर्बादी का वक़्त होगा हमारे लिए,उसे रोकना है इसलिए ये आंदोलन चल रहा है

— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 25, 2020

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को 1 महीना होने आया, कोई सुनवाई करने वाला नहीं, रोज उनको निमंत्रण देते हैं, भ्रम पैदा करते हैं, विपक्ष पर आरोप लगाते हैं। ये स्वत:स्फूर्त आंदोलन चल पड़ा है, किसान दुखी हैं समझ रहे हैं कि आने वाला वक्त बर्बादी का वक्त होगा हमारे लिए,उसे रोकना है इसलिए ये आंदोलन चल रहा है।

केंद्र द्वारा बनाये गये कृषि कानूनों में पब्लिक इंट्रेस्ट में हमने जो संशोधन किये उसे भारत सरकार को समझना चाहिए। केंद्र द्वारा बनाये गये कृषि कानूनों में 3 संशोधन विधेयक, 5 एकड़ तक जमीन वाले किसानों की जमीन को कुर्की से बचाने वाले विधेयक को राज्यपाल महोदय आगे भेज ही नहीं रहे हैं।

मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग पर हमने जो कानून बनाए थे उनको राष्ट्रपति महोदय मंजूर नहीं कर रहे हैं क्यूंकि भारत सरकार नहीं चाहती होगी।
ये जो डेमोक्रेसी को चैलेंज किया जा रहा है, राहुल जी ने ठीक कहा कि देश के अंदर डेमोक्रेसी है कहां, अब तो यहां दिखावटी डेमोक्रेसी है।

— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 25, 2020

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