International Day of Yoga
GreyMatters Podcast
English - June 21, 2022 03:47 - 17 minutes - 16.3 MBFilm Interviews TV & Film Homepage Download Apple Podcasts Google Podcasts Overcast Castro Pocket Casts RSS feed
योग: कर्मसु कौशलम्
अर्थात्, योग से कर्मों में कुशलता आती है।
हेलो दोस्तों! आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इस स्पेशल पॉडकास्ट में आपका स्वागत है।
योग न केवल हमारे शरीर को निरोग रखता है, बल्कि हमारे अंदर नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का भी संचार करता है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए, प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था और योग की महत्ता का वर्णन कुछ इस प्रकार किया था:
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मोदी जी के संबोधन का अंश
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और माननीय प्रधानमंत्री जी के इस प्रस्ताव को ऐतिहासिक समर्थन मिलने के बाद, वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। आज भारत की इस प्राचीन ज्ञान परंपरा को पूरी दुनिया शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए अमृत के समान मान रही है।
हालांकि, योग की तमाम खूबियों को जानते हुए भी बहुत से लोग इसके लिए बस सोचते ही रह जाते हैं। लेकिन, हमारे आस-पास बहुत से ऐसे लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने योग को अपनाकर न केवल अपने स्वास्थ को बेहतर किया, बल्कि इससे बढ़े आत्मविश्वास के दम पर कामयाबी की नई उड़ान भरी।
आज के इस विशेष पॉडकास्ट में हम दो महिला सख्शीयतों, श्रीमती मधुलिका पाठक जी और श्रीमती ज्योत्सना सहाय जी, से योग के संबंध में उनके अनुभव और विचार जानेंगे। इन दोनों का यह मानना है कि इनकी कामयाबी में योग की बड़ी भूमिका रही है।
हमारी पहली गेस्ट श्रीमती मधुलिका पाठक जी वर्ष 2018 में Mrs Jharkhand और 2019 में Mrs India World Wide रह चुकी हैं। आप रांची में रहती हैं और फैशन डिजाइनर तथा पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोच के रूप में अपनी खास पहचान बना चुकी हैं।
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श्रीमती मधुलिका पाठक का इंटरव्यू ...
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तो ये थीं श्रीमती मधुलिका पाठक जी।
अब हम बात करेंगे एक और बेहद खास गेस्ट, ग्रेमैटर्स कम्युनिकेशंस की डायरेक्टर श्रीमती ज्योत्सना सहाय जी से। करियर की शुरुआत में अपनी आवाज से सबके दिलों में जगह बनाने वाली RJ Jyotsana आज एक सक्सेसफुल बिजनेस वुमन हैं। आप दिल्ली में रहती हैं और तमाम व्यस्तताओं के बावजूद आपने योग का दामन मजबूती से थाम रखा है।
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श्रीमती ज्योत्सना सहाय का इंटरव्यू...
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तो दोस्तों, अभी आपने श्रीमती ज्योत्सना सहाय जी को सुना। इससे पहले आपने श्रीमती मधुलिका पाठक जी को सुना था। दोनों के अनुभवों का सार यही है कि वह चाहे स्त्री या पुरुष, योग हर किसी के लिए बेहद जरूरी है। यदि आपको जीवन से प्यार है, तो आज ही योग को अपनाइए। साथ ही अपने परिवार और आसपास के लोगों को भी इसके लिए जागरूक करिए।
यह थी योग दिवस पर ग्रेमैटर्स कम्युनिकेशंस की विशेष प्रस्तुति। आप सभी को योग दिवस की शुभकामनाएं।