जयपुर। राजस्थान में एक आईएएस पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं में है। नाम है डॉ. समित शर्मा। दरअसल हाल ही राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने अफसरों की तबादला सूची जारी की है जिसमें उनका नाम भी शामिल है। समित शर्मा को जयपुर में संभागीय आयुक्त के पद से अब सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सचिव के पद पर लगाया गया है। सबसे ख़ास बात ये है कि इनके तबादले के बाद जयपुर में इनके चाहने वाले कुछ लोगों ने इनके तबादले को निरस्त करने की मांग की है। साथ ही सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास भी निकाली है। साथ ही एक पत्र भी मुख्यमंत्री और उनके ओएसडी के नाम भेजा है जिसमें तबादले को रोकने की बात कही है।

@RajCMO @ashokgehlot51 @RajGovOfficial @DoITCRaj @INCRajasthan @samitsharmaias Request you to please take transfer order back.. He is doing good job for our citizens.. pic.twitter.com/pgGS9i01AO

— Abhishek Jain (@abhijain966) April 8, 2021

दरअसल आईएएस डॉ. समित शर्मा को ब्यूरोक्रेसी में कर्तव्यनिष्ट और ईमानदार अफसर के रूप में देखा जाता है। राजस्थान में गहलोत सरकार में निःशुल्क दवा वितरण योजना को धरातल पर लाने में इनका बड़ा योगदान रहा। इनके रहते राज्य में लोगों ने इस योजना का आसानी से लाभ उठाया है। वहीं समित शर्मा के कार्यों को देखते हुए उनका एक एपिसोड सत्यमेव जयते में भी दिखाया गया है। हालांकि इसके बाद गहलोत सरकार में ही चार साल में इनका 8 बार ट्रांसफर भी हो चुका है।

समित शर्मा ने अपने तबादले के बाद सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सचिव पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इसके बाद उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर अपने चाहने वालों के नाम संदेश भेजा है। उन्होंने एक लेख में कहा है कि आप लोगों के साथ बिताए गए जीवन के पिछले सवा चार महीनों के 128 दिन बहुत उत्साह, उमंग और उल्लास में गुजरे। संभाग के अधिकारियों और कार्मिकों का सहयोग बहुत बेहतर रहा। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का जीवन 80 वर्ष का है तो इसका अर्थ यह भी है की उसके पास जीने के लिए मात्र 960 महीने अथवा 29,221 दिन है। समझने की बात यह है कि जीवन का एक-एक दिन, एक-एक क्षण महत्वपूर्ण है, कीमती है, अमूल्य है और उसके सदुपयोग किए जाने की आवश्यकता है।

एक लोकसेवक के रूप में समाज का, देश का कार्य करने का अवसर मिलना बहुत गर्व एवं सम्मान की बात है। उन्होंने लिखा कि कर्नाटक विधानसभा भवन के मुख्य द्वार पर एक पंक्ति लिखी है...Government's Work is God's Work अर्थात राजकीय कार्य भगवान का कार्य है और अगर मानो तो यह बिल्कुल सही है। हम अपनी ड्यूटी करते हुए अनेक ऐसे कार्य कर सकते है। रसद विभाग में न जाने कितने भूखे व्यक्तियों का आप पेट भर सकते हैं या जलदाय कर्मी अनेक प्यासें लोगो को पानी पिला सकते हैं या ग्रामीण विकास विभाग नरेगा योजना में जितने लोगो को रोजगार दे सकते हैं या शिक्षक गण असंख्य बच्चों को पढा सकते है।

बिना किसी सिफारिश के, बिना रिश्वत के, बिना किसी स्वार्थ के कार्यों को पूरा कर दें। या स्कूल में, अस्पताल में, आंगनवाड़ी में प्रत्येक कार्मिक यह तय कर ले की हमें हमारी ड्यूटी ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के साथ करनी है और हमसे सेवाएं प्राप्त करने की अपेक्षा में जो भी लाभार्थी हमारे पास आता है उसको यथा सामर्थ्य सेवा प्रदान करनी है।

मैं जागा और देखा कि जीवन सेवा है...मैंने सेवा की और पाया कि सेवा आनंद है...

डॉ. समित शर्मा ने इस दौरान अजीतगढ़ व रींगस अस्पतालों में 10 साल बाद सिजेरियन, भिवाड़ी में 23 साल बाद आपरेशन, स्कूलों में दानदाताओं के सहयोग से लाखों रुपये से विद्यालयों की कायाकल्प जैसे अनेक ऐतिहासिक कार्यों को याद करते हुए कहा कि ये अविस्मरणीय रहेंगे।


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