जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और पांच अन्य को जमानत दे दी. भंवरी देवी के अपहरण और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर यह मामला लंबे समय से चल रहा है।

जमानत पाने वालों में भंवरी देवी के पति अमरचंद, शहाबुद्दीन, बिश्नाराम बिश्नोई, कैलाश जाखड़ और बलदेव शामिल हैं। इंद्रा बिश्नोई को छोड़कर सभी 16 आरोपियों को जमानत दे दी गई है, जिन्होंने अभी तक जमानत याचिका दायर नहीं की है। याचिकाकर्ताओं के वकील के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक आरोपी को जमानत देने की प्रक्रिया ने सभी आरोपियों को जमानत के लिए मिसाल कायम की। शीर्ष अदालत ने परसराम बिश्नोई को इस आधार पर जमानत दी थी कि मुकदमे में बहुत लंबा समय लगा और आरोपी पहले ही लगभग 10 साल जेल में काट चुके हैं। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व विधायक मलखान सिंह बिश्नोई को 10 अगस्त को जमानत मिल चुकी है।



भंवरी देवी की बात करें तो वह जोधपुर के जलीवाड़ा गांव के एक उपकेंद्र में सहायक नर्स दाई के पद पर तैनात थीं। वह सितंबर 2011 में लापता हो गई थी और उसके पति अमरचंद को बाद में भंवरी के लापता होने के मामले में शामिल पाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि महिपाल मदेरणा के इशारे पर उनका अपहरण किया गया था, जो उस समय कांग्रेस सरकार में राज्य के जल संसाधन मंत्री थे। जब भंवरी के साथ मदेरणा की सीडी सार्वजनिक हुई तो मदेरणा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्खास्त कर दिया और बाद में उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया।