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आजादी का अमृत महोत्सव, आज पूरा देश आजादी के 75वें वर्ष को पूरा करने की खुशी मना रहा है। 


इस आजादी को पाने के लिए न जाने कितने लोगों ने अलग-अलग तरीके से अपना योगदान दिया। कुछ तो इतिहास के पन्नों पर उतर गए, परंतु कुछ वीरों की दास्तान अनकही रह गई। ऐसे ही कुछ unsung heroes की दास्तान लेकर GreyMatters Communications अपने इस पॉडकास्ट में आपके लिए उपस्थित है। हमारे इस पॉडकास्ट के आज के हीरो हैं कांगरा, हिमाचल के श्री जीत सिंह।    




जीत सिंह


Kangra, Himachal Pradesh


जीत सिंह का जन्म गाँव व डाकघर गुलेर तहसील देहरा, जिला काँगड़ा में 1919 में हुआ था। इनके पिता श्री हरी सिंह और माता श्रीमती कलावती थी। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण जीत सिंह शिक्षा तो हासिल नहीं कर पाए लेकिन शारीरिक रूप से काफी वलिष्ठ और मजबूत थे इसी कारण वह 1940 के लगभग जब द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए बड़ी संख्या में सेना में भर्ती की जा रहीं थी उसी भर्ती में इन्हें भी चुन लिया गया और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजी सेना की ओर से भाग लेते हुए जापान में बंदी बना लिए गए। तत्पश्चात नेताजी सुभाषचंद्र बोस के आह्वान पर आजाद हिन्द फौज में सिपाही के रूप में भर्ती हुए। अखिल भारतीय आजाद हिन्द फौज समिति से प्राप्त पत्र पर उनकी भारतीय सेना में पंजीकरण संख्या 7759 है। 


बारह वर्ष सिंगापुर और मलाया की जेल में रहे। पारिवारिक साक्षात्कार से प्राप्त जानकारी के अनुसार अक्सर उनको जेल के दौरान काफी यातनाऐ दी जाती थी उनको जेल के एक बाड़े में चारों तरफ करंट लगाकर खुला छोड़ दिया जाता था ताकि कोई भाग न सके। खाने के लिए बहुत कम भोजन दिया जाता था। कभी कभी तो काफी दिनों तक भोजन न मिलने पर घास भी खाकर गुजरा करना पड़ता था। वर्ष 1947 में आजादी के बाद जब घर बापस लोंटे तो श्रीमती कलावती से उनकी शादी हुई। जीवनयापन के लिए कुछ समय अमृतसर की एक कपडे की फैक्ट्री में काम किया| शुरुआती तौर पर उनको उस समय 25 रूपये पेंशन मिलती रही। 1967 में जीत सिंह अद्रंग की चपेट में आ गए जिसके कारण उनके शरीर के लगभग एक तिहाई हिस्से ने काम करना बंद कर दिया और सन् 1985 में जीत सिंह की मृत्यु हो गयी । भारत सरकार की ओर से स्वतंत्रता के चालीसवें वर्ष पर प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी द्वारा आजादी में इनके स्मरणीय योगदान के लिए ताम्र पत्र भी भेंट किया गया।


आजादी के अमृत महोत्सव पर आपके लिए GreyMatters Communications की तरफ से एक छोटी सी भेंट। 


Happy Independence Day!