नारी तुम प्रेम हो, आस्था हो विश्वास हो,


टूटी हुई उम्मीदों की एकमात्र आस हो,


हर जन का तुम्हीं तो आधार हो,


नफ़रत की दुनिया में मात्र तुम्हीं प्यार हो,


उठो अपने अस्तित्व को संभालो,


केवल एक दिन ही नहीं,


हर दिन नारी दिवस बना लो.... 




हैलो दोस्तों GreyMatters podcast में आपका स्वागत है।




जी हां दोस्तों आज का हमारा यह podcast अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक विशेष प्रस्तुति है।




जैसा की हम सभी जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान तथा उपलब्धियों को पहचान दिलवाना है। क्या आपको पता है कि इस दिन को सर्वप्रथम 28 फरवरी 1909 में मनाया गया था। परंतु संयुक्त राष्ट्र अमेरिका द्वारा वर्ष 1975 में इस दिवस को 28 फरवरी की जगह 8 मार्च के दिन अंतर्राष्ट्रीय रुप से मनाये जाने का निर्णय लिया गया।




इस बात को नकारा नहीं जा सकता की आज के समाज में महिलाओं का योगदान पुरुषों के बराबर ही है, बल्कि वे पुरुषों से भी आगे निकल गयी हैं। शिक्षा के क्षेत्र से लेकर हेल्थ सेक्टर और ऐसे ही कई क्षेत्रों में जिसकी कल्पना पहले की सामाजिक स्थिति में करना नामुमकिन सा था उन सभी क्षेत्रों में महिलाओं का विशेष योगदान रहा है। इतना ही नहीं ज़माने के साथ आगे बढ़ती महिलाएं, न केवल घर संभाल रही हैं बल्कि घर के साथ अपने कार्य क्षेत्र में भी खुद को साबित कर रही हैं।




फिर चाहे वो लक्ष्मी बाई हो या इंदिरा गाँधी या फिर कल्पना चावला या फिर कोई और, हर युग में नारियाँ पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलीं हैं।


सब जानते हैं कभी घर तो कभी ऑफिस, 24x7 अपने परिवार और खुद से जुड़ें लोगों के लिए तैयार खड़ी रहने वाली महिलाओं का कोई भी दिन छुट्टी का नहीं होता।




यही ही नहीं ज़माने के साथ आगे बढ़ती महिलाएं, न केवल घर संभाल रही हैं बल्कि घर के साथ अपने कार्य क्षेत्र में भी खुद को साबित कर रही हैं।


आज जब हम women's day celebrate कर रहे हैं, तो हमने कभी ये सोचा है कि क्या सच में हम नारियों को वो सम्मान दिलवा पाए हैं जिसकी वो हकदार हैं? 




देखा जाए तो बात बहुत सीधी है, महिलाएं फिर चाहे वो गृहणी हो या working, उनके लिए International Women's Day के रूप में कोई एक दिन नहीं होना चाहिए बल्कि हर दिन ही Women's Day होना चाहिए। 




सोचिये, गौर कीजिए और अगर बात दिल तक उतरी हो तो महिलाओं के उत्थान और उनके बेहतर भविष्य के लिए अपना एक छोटा सा ही सही पर योगदान दीजिए।


क्योंकि वो कहते हैं न कि बूंद बूंद कर भरे तलाबा।


तो आइए इस women's day पर शुरुआत अपने ही घर से करें। अपनी माँ, बहन, पत्नी, बेटी को समझें।




GreyMatters wishes you a very Happy Women's Day!