वसंत पंचमी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और घटनाएं!
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English - January 26, 2023 11:03 - 2 minutes - 2.68 MBFilm Interviews TV & Film Homepage Download Apple Podcasts Google Podcasts Overcast Castro Pocket Casts RSS feed
हैलो दोस्तों! GreyMatters पॉडकास्ट में आपका स्वागत है।
वसंत का महीना आ गया है, हवाएं अपना रूख बदल रही हैं। वातावरण नई सकारात्मक ऊर्जाओं से भरा हुआ है। नई कोपलें, पेड़ों में मंजरियाँ इन सब की खुशबू हवाओं में घुल रही है। और इस वसंत का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, वसंत पंचमी। जी हाँ दोस्तों आज के हमारे इस पॉडकास्ट का विषय है वसंत पंचमी।
आज इस पॉडकास्ट के माध्यम से हम वसंत पंचमी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर चर्चा करेंगे।
वसंत पंचमी, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह त्योहार वसंत के पंचमी तिथि को मनाया जाता है। माघ मास के शुक्लपक्ष की इस की पंचमी तिथि को देवी सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही रूपों में अपना महत्व है। वैसे तो हर रंग की अपनी खासियत है, जो हमारे जीवन पर गहरा असर डालती है, परंतु इस दिन पीले रंग की खास एहमीयत है। हिन्दू धर्म में पीले रंग को शुभ माना गया है। पीला रंग शुद्ध एवं सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ साथ इस रंग को भारतीय परंपरा में शुभ का प्रतीक भी माना गया है। इसके अलावा फेंगशुई ने भी इसे आध्यात्मिक रंग अर्थात आत्मा या अध्यात्म से जोड़ने वाला रंग बताया है। फेंगशुई के सिद्धांत ऊर्जा पर आधारित हैं और इसके अनुसार पीला रंग सूर्य के प्रकाश का है यानी यह ऊष्मा शक्ति क प्रतीक है। इसलिए पीला रंग हमें तारतम्यता, संतुलन, पूर्णता और एकाग्रता प्रदान करता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मान्यता यह भी है कि यह रंग डिप्रेशन दूर करने में कारगर है। यह उत्साह बढ़ता है और दिमाग को सक्रिय करता है। जिसके फलस्वरूप दिमाग में उठाने वाली तरंगें खुशी का एहसास कराती हैं, जिससे आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
दोस्तों, ये तो था वसंत पंचमी का पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व। इसके अलावा वसंत पंचमी भारतीय इतिहास में भी अपना महत्व रखती है। दरअसल यह दिन शूरवीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान की भी याद दिलाता है। इसी दिन इस योद्धा ने अपने सखा चंद बरदाई की सहायता से मोहम्मद गोरी को मौत के घाट उतारा था। जी हाँ, पृथ्वीराज चौहान, जो कि दिल्ली की गद्दी के आखिरी हिन्दू सम्राट थे, वे भारतीय इतिहास का एक गौरवशाली नाम हैं। मोहम्मद गोरी से पराजित होने के बाद उन्हें बंधक बना के अफगानिस्तान ले जाया गया और उनकी आंखें फोड़ दी गई। कुछ समय बाद चंद बरदाई जो कि पृथ्वीराज चौहान के सखा और कवि, “पृथ्वीराज रासो” के रचयिता थे, जब पृथ्वीराज से मिलने पहुंचे तो उन्होंने गोरी को चौहान के शब्दभेदी बाण चलाने वाले हुनर के बारे में बताया। जिसके फलस्वरूप गोरी ने पृथ्वीराज चौहान के हाथों में तीर-कमान थमा दिए। इसके पश्चात बरदाई ने चार पंक्तियाँ कहीं, जिसे सुनते ही पृथ्वीराज ने तीर चलाया जो कि सीधा मोहम्मद गोरी के सीने में जा धंसा और उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद चंद बरदाई और पृथ्वीराज चौहान ने भी एक दूसरे के पेट में छुरा घोंप कर आत्मबलिदान दे दिया।
तो दस्तों ये थी वसंत पंचमी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और घटनाएं। आशा है आपको हमारा यह पॉडकास्ट जरूर पसंद आया होगा।
हम फिर मिलेंगे कुछ नएपन के साथ।
तब तक के लिए आप सब को नमस्कार।