ऐसा कौन होगा जो अमेरिका जाने का सपना नहीं देखता होगा? गुजरात में भी ज्यादातर लोगों की चाह अमेरिका जाने की है. अहमदाबाद, गांधीनगर और मेहसाणा जिले के कई गांव ऐसे हैं, जहां आधे से ज्यादा लोग अमेरिका में रह रहे हैं. 


यहां के गांवों में घूमते हुए लोगों के अंदर अमेरिका जाने की बेचैनी का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. हमें अपनी पड़ताल के दौरान कुछ लोग तो ऐसे भी मिले हैं जो दर्जनों बार अमेरिका जाने की कोशिश कर चुके हैं. हालांकि, वे असफल रहे और अभी भी उनकी ये कोशिश जारी है. हमने पाया कि कैसे लोगों को देश से बाहर भेजने का एक पूरा तंत्र काम करता है. इस तंत्र में दलाल से लेकर एयरपोर्ट तक की भूमिका होती है.  


इसके अलावा, देश से बाहर पढ़ने जाने के लिए छात्र इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आईईएलटीएस) का टेस्ट देते हैं. गुजरात के शहरों में जगह-जगह आपको आईईएलटीएस की तैयारी को लेकर होर्डिंग्स और दफ्तर नजर आ जाएंगे. आईईएलटीएस भी अवैध रूप से अमेरिका जाने का माध्यम बन गया है. यह सिलसिला कब शुरू हुआ? क्या वजह है कि लोग जान दांव पर लगाकर भी अमेरिका जाना चाहते हैं और कौन आदमी इसमें क्या भूमिका निभाता है? इसकी एक-एक कड़ी कैसे जुड़ती है यह जानने के लिए ग्राउंड से लौटे हमारे रिपोर्टर बंसत कुमार से डिस्कॉर्ड के जरिए जानिए. 


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