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Success Story : पिता ने 38 साल पहले 50 विद्यार्थियों के साथ रखी थी नींव, बेटों ने जी तोड़ मेहनत कर बना डाला राजस्थान का टॉप एजुकेशनल ग्रुप, जानिये रावत स्कूल के सफलता की कहानी, आखिर कैसे संस्थान छूता गया बुलंदियां ?
Media Beat
English - June 21, 2021 10:37News Homepage Download Apple Podcasts Google Podcasts Overcast Castro Pocket Casts RSS feed
जयपुर।रावत एजुकेशनल ग्रुप। राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में विश्वसनीय और बेहतरीन संस्थान। रावत समूह शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी हमेशा आगे रहा है। रावत समूह को निरंतर दिनों दिन आगे ले जाने वाले और स्कूल के संस्थापक बीएस रावत के साथ-साथ उनके बेटे और समूह के बोर्ड आफ डायेरक्टर्स हेमेन्द्र रावत और नरेन्द्र रावत की भी अहम भूमिका रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में रावत समूह ने कीर्तिमान स्थापित करते हुए 2019-20 सत्र में ब्रिटिश काउंसिल की ओर से दिया जाने वाला 'इंटरनेशनल स्कूल अवॉर्ड' (आईएसए) हासिल किया। ये अवॉर्ड दुनियाभर के टॉप स्कूलों को बेहतरीन शिक्षण व्यवस्था के कारण दिया जाता है। वहीं शिक्षा के अतिरिक्त एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटिज में भी रावत समूह राज्यभर में मुख्य पायदान पर है।
शिक्षा के क्षेत्र में रावत स्कूल इनोवेशन के साथ-साथ बेस्ट स्टडी और बेस्ट रिजल्ट देता आया है। राज्य में बोर्ड एग्जाम में जब भी मेधावी विद्यार्थियों की बात होती है तो रावत का नाम सबसे पहले होता है। रावत समूह को बुलंदियों पर पहुंचाने में पिता-पुत्र की जोड़ी ने जमकर पसीना बहा है। 'इंटरनेशनल फादर्स डे' के मौके पर रविवार को बोर्ड आफ डायरेक्टर्स नरेन्द्र रावत ने पिता बीएस रावत के नाम अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो संदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि देखा है मैंने अपने पिताजी को शुरू से ही मेहनत करते हुए, रावत बाल विद्यालय स्कूल की शुरूआत की। लेकिन आज उस स्कूल में हजारों बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जाहे समाज की बात करें या परिवार की उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। उनके व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखा है मैंने। आज मैं जो कुछ भी हूं। मुझमें जो इनोवेशन है या कुछ कर गुजरने की तमन्ना है। या मेरी जिद में, मेरे जुनूं में मेरे पिताजी के व्यक्तित्व की छांव नजर आती है। उन्होंने पिता के लिए चंद लाइनें कहते हुए कहा कि
महसूस किया है...आपके गुस्से में छिपे प्यार को
महसूस किया है...आपकी खामोशी के पीछे मेरी केयर को
महसूस किया है...कदम-कदम पर मेरे सही और गलते के फैसले को अपनाते हुए
आप मेरी प्रेरणा हो...हमेशा मेरे साथ यूं ही रहियेगा...चाहे गुस्से में या प्यार में
हमेशा यूं ही अपना आशीर्वाद बनाए रखिएगा...यू आर द बेस्ट फादर इन द वर्ल्ड...हैप्पी फादर्स डे
इनोवेशन और क्रिएटिविट पर फोकस
शिक्षण समूह अपने छात्रों को दिलचस्प, ओपन-एंडेड कार्यों का निर्माण करके स्वयं के सीखने के लिये सशक्त बनाते हैं जो वास्तविक दुनिया के कौशल को लक्षित करते हैं,। 'रावत एजुकेशनल ग्रुप, एक ऐसा संस्थान है जहां सीखना उद्देश्यपूर्ण है, रचनात्मकता यहां हर ओर दिखाई देती है। नवाचार (इनोवेशन) से जहां हर किसी का स्वागत होता है और ज्ञान जहां बुद्धिजीवियों को पैदा करता है।
38 साल पहले 50 स्टूडेंट्स के साथ रखी नींव, आज 15000
बताते हैं कि 1983 में चेयरमैन श्री बी.एस. रावत ने संस्थान की नींव रखी थी। जयपुर के मानसरोवर स्थित विवेक विहार से मात्र 50 विद्यार्थियों के साथ स्कूल की शुरूआत की गई थी। वर्तमान में समूह की समर्पित और मेहनती टीम के प्रयासों के साथ विद्यार्थियों की संख्या 15,000 तक पहुंच गई है। चेयरमैन बीएस रावत का द्वारा 38 साल पहले खड़ा किया गया ये शिक्षा मंदिर सही दिशा, मेहनत, प्रेरणा और लक्ष्य के साथ निरंतर नई ऊंचाईयों को छू रहा है।
उत्साही और सक्रिय निदेशक नरेन्द्र रावत के निर्देशन में संस्थान अव्वल
समूह की सफलता का श्रेय कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्वों और उनकी दिन-रात की मेहनत और प्रयासों का परिणाम है। बी.एस. रावत (अध्यक्ष), हेमेंद्र रावत (निदेशक) और नरेंद्र रावत (निदेशक) ऐसे नाम हैं जो शिक्षा के आकाश में चमकते सितारे बन गए हैं। अब रावत एजुकेशनल ग्रुप रावत सीनियर सेकेंड नाम की अपनी विभिन्न शाखाओं के साथ फल-फूल रहा है। विवेक विहार, रावत पब्लिक स्कूल विवेक विहार, रावत पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मानसरोवर, रावत पी.जी. गर्ल्स कॉलेज, अजमेर रोड, रावत बी.एड और बीएसटीसी कॉलेज, हीरापुरा, रावत नर्सिंग एंड पोस्ट बेसिक नर्सिंग कॉलेज, करनी विहार, रावत पब्लिक स्कूल, प्रताप नगर, जयपुर और रावत पब्लिक स्कूल, भांकरोटा, जयपुर। 2009 में स्थापित रावत स्कूल प्रतापनगर ने युवा और सक्रिय निदेशक नरेंद्र रावत के उत्साही निर्देशन में अपने रचनात्मक और नवीन विचारों के साथ उपलब्धियों के नए मानक बनाए हैं। उन्होंने साल दर साल सफलता के रिकॉर्ड बनाए हैं। नरेन्द्र रावत का मानना है कि जीवन का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है, क्योंकि मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। मानव की सेवा करना, ईश्वर की सेवा करने के बराबर है।