नयी दिल्ली | महंगाई सहित कुछ अन्य मुद्दों पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के 1० मिनट के भीतर ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, मनोनीत सदस्य और प्रख्यात एथलीट पी. टी. ऊषा ने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली। इसके बाद सभापति एम. वेंकैया नायडू ने दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

इसी बीच, विपक्षी सदस्य अपने-अपने मुद्दे उठाने के लिए हंगामा करने लगे। सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी बात रखने का मौका दिया। खड़गे ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और खाने-पीने की जरूरी चीजों की कीमतें आसमान पर पहुंच गई हैं, जिसका परिणाम आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ''महिलाएं ही नहीं, बच्चे और बूढ़े सहित देश की 140करोड़ जनता इससे प्रभावित हो रही है। इससे आम आदमी की हालत बदतर हो गई है।

नायडू ने उन्हें टोकते हुए कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी महंगाई का मुद्दा उठाने के संबंध में प्रस्ताव आया था और उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की अनुमति दी है।उन्होंने खड़गे से कहा कि वह संक्षिप्त में अपनी बात रखें। इसी बीच, अपने-अपने मुद्दे उठाने का प्रयास कर रहे विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज हो गया जिसकी वजह से सभापति ने 11 बज कर आठ मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ है और विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते कार्यवाही बाधित होने के कारण उच्च सदन में अब तक एक बार भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।