![Media Beat artwork](https://is2-ssl.mzstatic.com/image/thumb/Podcasts/v4/b0/17/d5/b017d541-6e18-9d7a-b5c2-0fe6cc625cdc/mza_6110638749719617109.png/100x100bb.jpg)
पीएम मोदी ने हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का उद्घाटन किया
Media Beat
English - November 09, 2020 02:39News Homepage Download Apple Podcasts Google Podcasts Overcast Castro Pocket Casts RSS feed
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत समुद्री मार्ग से हजीरा-घोघा रोपैक्स फेरी सेवा आज से शुरू हो गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्षेत्रवासियों को दीपावली पर उपहार स्वरूप हजीरा-घोघा रोपैक्स फेरी सेवा का आज वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस समुद्री मार्ग पर सेवा शुरू होने ने हजीरा से भावनगर जिले के घोघा का सफर आसान हो गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री रूपानी सूरत के हजीरा में उपस्थित थे।
भावनगर के घोघा और सूरत में हजीरा के बीच समुद्री मार्ग से रोपैक्स सेवा के शुरू होने से घोघा और हजीरा की दूरी घटकर 370 किमी रह जाएगी। यह सेवा एक दिन में तीन यात्राएं करेगी। इस समुद्री मार्ग शुरू होने से सौराष्ट्र के किसानों और पशुपालकों को फायदा होगा। फलों, दूध, सब्जियों को जल्दी से सूरत पहुंचाया जा सकता है। रोपैक जहाज पर 30 ट्रक (50 मीट्रिक टन वजन सहित),100 यात्री कारें, 500 यात्री के अलावा 34 जहाज चालक दल के जाने की क्षमता है।
इस मौके पर वर्चुअल माध्यम से एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुजरात के लोगों को दीवाली का उपहार मिला है। इस बेहतर कनेक्टिविटी से सभी को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि हजीरा और घोघा के बीच रो-पैक्स सेवा ने सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के लोगों के सपनों को सच कर दिया है, क्योंकि इससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा में लगने वाला समय 10-12 घंटे से घटकर 3-4 घंटे तक हो जाता है। उन्होंने कहा कि इससे समय की बचत होगी और खर्च भी कम होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 80,000 यात्री ट्रेनें और 30,000 ट्रक एक वर्ष में इस नई सेवा का लाभ ले सकेंगे।
The Ro-Pax ferry service will improve ‘Ease of Living’ and boost economic prosperity. Here’s how the ferry looks, an evening before the launch. pic.twitter.com/gsbs7ZPz1r
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2020मोदी ने यह भी कहा कि सौराष्ट्र और सूरत के बीच बेहतर संपर्क इन क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बदलने वाला है। उन्होंने कहा कि फल, सब्जियां और दूध अब आसानी से ले जाया जा सकता है और इस सेवा के कारण प्रदूषण भी कम होगा। उन्होंने उन सभी इंजीनियरों, श्रमिकों को धन्यवाद दिया, जो बहुत सारी चुनौतियों के बीच सुविधा विकसित करने के लिए साहसी बने रहे। उन्होंने भावनगर और सूरत के बीच स्थापित इस नए समुद्री संपर्क के लिए लोगों को शुभकामनाएं दीं।