Teej Special
GreyMatters Podcast
English - September 18, 2023 07:26 - 3 minutes - 3 MBFilm Interviews TV & Film Homepage Download Apple Podcasts Google Podcasts Overcast Castro Pocket Casts RSS feed
हरतालिका तीज, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह पर्व कुमारी व सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए अति महत्वपूर्ण है। इस दिन कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियाँ गौरी-शंकर की पूजा करती हैं। इस व्रत से जुड़ी एक मान्यता यह है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां पार्वती जी के समान ही सुखपूर्वक पति का सुख भोग करके शिवलोक को जाती हैं। सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन अनुसार वर पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान भोले नाथ के लिए रखा था।
ये तो थी तीज से जुड़ी आस्था और विश्वास की कहानी। आइए इसके एक दूसरे पहलू पर नज़र डालें। तीज का व्रत सजा हुआ बाज़ार, उम्मीद भरी निगाहें, अच्छी कमाई के बाद घर लौटने की उम्मीद... ये है इस पर्व का दूसरा पहलू; जहां धर्म जात ऊंच नीच इन सब से इतर सभी दो समान भागों में बटे थे। एक खरीददार और दूसरे बिक्री वाले। खरीदने वालों की सिर्फ़ एक अभिलाषा- कि उन्हें उनका पसंदीदा सामान मिल जाए। पर बेचने वाले अपनी आँखों में कई सपने, अभिलाषाएं और उम्मीद लिए होते हैं।
जहां एक ओर सामान खरीदती महिलाओं की आंखें रंग-बिरंगी चूड़ियों, गुलाबी डलियों, ऐनक- कंघी, मेहंदी लगाने वाले, आदि को देख कर चमकती हैं ; वहीं दूसरी ओर चूड़ी वाले, डलिया वाले, मेहंदी वाले, आदि की आंखें अपनी रेढ़ी या सामान के पास ग्राहकों की लगी भीड़ को देख कर चमकती हैं। चमक तो दोनों तरफ होती है, पर दोनों का अभिप्राय अलग होता है। किसी की आस्था, किसी का श्रृंगार.... किसी दूसरे के लिए दो वक्त की रोटी की, बच्चे के खिलौने की, मां की दवाओं की उम्मीद बनती है।
कितना सुंदर समागम है न! आस्था और उम्मीद दोनों एक साथ चल रही हैं।
आज तीज के इस पावन पर्व पर सबके कल्याण की कामना करते हुए
GreyMatters wishes you Happy Teej!